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कोरोना के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार की व्यवस्था

Tajuddin Khan

11 March 2021

भारत के ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए 2006 में MGNREGS (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना) की शुरुआत की गयी । इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों में जो वयस्क मैनुअल काम करते हैं उनको एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का कार्य प्रदान करने का प्रावधान है । यदि आवेदन के 15 दिन में आवेदक को रोज़गार नहीं मिले तो वह बेरोज़गारी भत्ते का हक़दार होता है । इस योजना को लागू करने की मुख्य ज़िम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है ।

देश में कोरोना के चलते मार्च 2020 में जब लॉकडाउन हुआ तो प्रवासी मज़दूर दूसरे राज्यों एवं शहरों से वापस अपने मूल निवास पर पहुँचने लगे ।  एकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव के MGNREGS बजट ब्रीफ के अनुसार मई 2020 में, प्रवासी श्रमिकों की वापसी और आजीविका के नुकसान की वजह से 3 करोड़ से अधिक घरों ने योजना के तहत काम मांगा । यह पिछले साल की समान अवधि की मांग के मुकाबले 44 प्रतिशत अधिक था ।

उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, और बिहार जैसे राज्यों में काम की मांग में अधिकतम वृद्धि देखी गयी । भारत सरकार ने आत्मानिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज के तहत अधिसूचित मज़दूरी दर को Rs. 182 से बढ़ाकर Rs. 202 कर दिया । 15 राज्यों द्वारा भुगतान की गई वास्तविक मज़दूरी, हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित मज़दूरी दरों से कम रही ।

कोरोना काल में ज़मीनी स्तर के प्रयासों को समझने के लिए इनसाइड डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत एकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव ने अलग-अलग फ्रंटलाइन वर्कर के साथ इंटरव्यू किये । इसी श्रंखला में मेरी चर्चा राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, एवं राजसमन्द के कुछ पंचायत सचिवों के साथ हुई, जिनका कहना था कि जो प्रवासी मज़दूर गुजरात, महाराष्ट्र या अन्य राज्यों में काम कर रहे थे उनकी लॉकडाउन के बाद वापसी से बेरोज़गारी में बढ़ोत्तरी हुई थी । इनमे अधिकतर परिवार ऐसे थे जो दिन की मज़दूरी पर निर्भर करते थे ।

ग्राम पंचायत ने उन्हें मनरेगा के तहत रोज़गार तो उपलब्ध करा दिया लेकिन उनकी समस्या यही समाप्त नहीं हुई क्योंकि जून तक कई परिवारों ने अपने 100 दिन पूरे कर लिए थे, और नियम के अनुसार जो परिवार रोज़गार के 100 दिन पूरे कर लेता है उसका नाम मस्टरोल में से हटा दिया जाता है ।

महामारी की वजह से जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोज़गार की समस्या हुई वहीं भारत सरकार ने इन समस्याओं के समाधान हेतु MGNREGS तथा अन्य योजनाओं के तहत विभिन्न कदम भी उठाये । अभी भी ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलता रहे इसके लिए सरकार को निरंतर प्रयासरत रहना होगा ।

ताजुद्दीन खान एकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव में सीनियर पैसा एसोसिएट के तौर पर काम कर रहे हैं |

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