[Hindi] Why is Accountability so Important in India? Watch this video to learn more.
27 January 2017
पूर्वी बिहार के पूर्णिया के दूर कोनों में बसे हुए एक स्कूल को सरकार से आग बुझाने के यंत्र की खरीददारी के लिए धन प्राप्त हुआ । यह धन इस निर्देश के साथ प्राप्त हुआ की सभी स्कूल पर्याप्त रूप से आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हों। इस बात से किसे आपत्ति हो सकती थी ?
सिवाय ऊपर लिखे गये पूर्णिया के इस स्कूल को, जिसको अपने भवन निर्माण के लिए पैसा ही नहीं मिला था!
“भवन रहित” विद्यालय (जैसा की सरकार के अभिलेखों में परिभाषित है) में पूर्णिया अकेला नहीं है!
गत वर्षों में हम ऐसे बहुत से उदाहरणों से रूबरू हुए हैं जहाँ मूलभूत सुविधायें (स्कूल, क्लिनिक, आंगनवाड़ी केन्द्रों), पंचायतों एवं नगरपालिकाओं पर सरकारी धन व्यय करने के निर्देश जमीनी हकीकत से कोसों दूर होते हैं!
सरकार स्कूल, क्लिनिक, आंगनवाड़ी केन्द्रों, पंचायतों एवं नगरपालिकाओं जैसी संस्थाओं के माध्यम से नागरिकों को मूलभूत सुविधाऍं प्रदान करती है। पिछले कुछ सालों में एकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव को ऐसे कई उदाहरण मिले जहाँ यह देखा गया है कि मूलभूत सुविधाऍं प्रदान करने वाली संस्थाओं को सरकार द्वारा दिया गया व्यय करने का निर्देश वास्तविक ज़रूरतों से कोसों दूर है।
ऐसा क्यों होता है? क्यों भारत के विकास के लिए सरकार की तरफ से किये गये खर्च का ज़मीनी हक़ीक़तों से कम सम्बन्ध है?
इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह है की जनता का पैसा केंद्र सरकार से जमीनी स्तर तक टुकड़ों में, घुमावदार भूलभुलैया के माध्यम से प्रवाहित होता है। यह भूलभुलैया अस्पष्ट है और इसको ट्रैक करना बहुत मुश्किल है जो फिर विलम्ब, अकुशलता और दुरुपयोग का कारण बनती है ! परिणामतः ये व्यय प्रबंधन प्रणाली के विकृति को प्रोत्साहित करती हैं।