राजस्थान में पोषण की स्थिति
2 May 2018
हाल ही में नीति आयोग द्वारा देश में पोषण के क्षेत्र में नए सिरे से ध्यान देने के लिए “राष्ट्रीय पोषण रणनीति” (National Nutrition Strategy) शुरू की गई है | ध्यातव्य है की राष्ट्रीय पोषण रणनीति के ढांचे के अंतर्गत कुपोषण मुक्त भारत की परिकल्पना की गई है जो की स्पष्ट रूप से ‘स्वच्छ भारत एवं स्वस्थ भारत’ अभियान से जुड़ी हुई परिकल्पना है | राजस्थान बाकी राज्यों से पोषण दरों पर नीचे है | अगर पिछले वर्षों में देखा जाए तोह पोषण पर राज्य में आवंटन और सेवायें का बहोत महत्व था | इनमें लगातार कमियों का कारण जान ना बहोत ज़रूरी है अगर कुपोषण को मिटाना है |
आंकड़े संगीन है | राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 (NFHS-4), के अनुसार राजस्थान में 5 वर्ष से कम आयु के करीब 39.1 प्रतिशत बच्चे औसत से कम लम्बाई के है वहीँ 6-59 महीने के बच्चों में से लगभग 60.3 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार है तथा 5 साल से कम उम्र के बच्चों में लगभग 36.7 प्रतिशत बच्चों का वजन उम्र के अनुसार प्रमाणित वजन से कम पाया गया है | राज्य में 15-49 साल की महिलाओं में से लगभग 46.8 प्रतिशत महिलायें एनीमिया से ग्रस्त है |
भारत सरकार द्वारा संचालित SRS 2016 के अनुसार राज्य में शिशु मृत्यु दर 41 (प्रति हजार जीवित जन्म) है जो राष्ट्रीय औसत (34) से 7 अंक अधिक है | 2011-13 के रेकॉर्ड के अनुसार इसी प्रकार मातृ मृत्यु दर 244 (प्रति लाख जन्म) है जो राष्ट्रीय औसत (167) से 77 अंक अधिक है | अत: इससे स्पष्ट होता है की राज्य में पोषण की स्थिति ख़राब है |
राजस्थान राज्य के प्रमुख अख़बार “दैनिक भास्कर” में 8 सितम्बर 2017 को प्रकाशित खबर के अनुसार राज्यभर में तीन साल में पांच से कम उम्र के 52 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है | बच्चों की मौत की तीन प्रमुख वजह बताई गई है
- प्री-मैच्योर डिलीवरी, बच्चों का कम वजन एवं निगरानी का अभाव |
- निमोनिया और बाकी इन्फेक्शन |
- क्रोनिक इलनेस, रेफ़र में देरी |
लेकिन राजस्थान में पोषण से सम्बंधित केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें एवं कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिसमे समेकित बाल विकास सेवाएँ, मिड-डे-मील एवं राजीव गाँधी किशोरी सशक्तिकरण पोषण योजना प्रमुख है| इन योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में बजट की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है |
राज्य पोषण का बजट विवरण (तालिका संख्या 1)
(राशि करोड़ में)
मद |
2016-17 लेखे |
2017-18 बजट अनुमान |
2017-18 संशोधित अनुमान |
2018-19 बजट अनुमान |
राजस्व (Revenue) |
1420.81
|
1503.54 |
1574.49 |
1988.74 |
पूंजीगत (Capital) |
38.43
|
104.80 |
66.75 |
52.37 |
कूल |
1459.24
|
1608.34 |
1641.24 |
2041.11 |
स्रोत:- राज्य बजट पुस्तिका, राजस्थान सरकार
ऊपर दी गयी तालिका में मुख्यत: आई.सी.डी.एस. एवं सबला का बजट शामिल है | इस तालिका के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान (₹ 1608.34 करोड़) से वर्ष 2018-19 का बजट अनुमान लगभग ₹ 432.77 करोड़ रुपये ज्यादा है और इसी तरह वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान (₹ 1608.34) से वर्ष 2017-18 का संशोधित अनुमान करीब ₹ 33 करोड़ रुपये ज्यादा है | अत: इससे ज्ञात होता है की विगत वित्तीय वर्षों के मुकाबले में पोषण पर आवंटित बजट में बढ़ोतरी की जा रही है |
राज्य बजट में पोषण का हिस्सा (तालिका संख्या 2)
(राशि करोड़ में)
वर्ष |
कूल राज्य बजट |
पोषण पर कूल आवंटन |
प्रतिशत |
2016-17 (लेखे) |
162099.88 |
1459.24
|
0.90% |
2017-18 (संशोधित अनुमान) |
190615.12 |
1641.24 |
0.86% |
2018-19 (बजट अनुमान) |
212274.66 |
2041.11 |
0.96% |
स्रोत:- राज्य बजट पुस्तिका, राजस्थान सरकार
उपरोक्त तालिका के अनुसार वर्ष 2016-17 में राज्य के कूल बजट अनुमान का 0.90 प्रतिशत पोषण के लिए आवंटित किया गया जो की 2017-18 संशोधित अनुमान में घटकर 0.86 प्रतिशत रह गया | इसके अलावा 2018-19 में राज्य के कूल बजट अनुमान का 0.96 प्रतिशत पोषण के लिए आवंटित किया गया ! इससे पता चलता है की विगत वर्षो में पोषण पर राज्य में आवंटन बढ़ा है , लेकिन बढ़ोतरी बहुत कम है !
राज्य में पोषण की मुख्य योजनाओं के बजटीय प्रावधान (तालिका संख्या 3)
(राशि करोड़ में)
आयोजना |
आवंटन |
2017-18 बजट अनुमान |
2017-18 संशोधित अनुमान |
2018-19 बजट अनुमान |
समेकित बाल विकास सेवाएँ |
कुल बजट
|
1298.34
|
1332.24
|
1706.11
|
केंद्र का योगदान |
552.44
|
565.47
|
645.40
|
|
मध्यान्ह भोजन योजना |
कुल बजट |
438.03 |
462.97
|
540.00
|
केंद्र का योगदान |
283.03 |
279.07
|
258.00
|
स्रोत:- राज्य बजट पुस्तिका, राजस्थान सरकार
उपरोक्त तालिका में पोषण के लिए केंद्र की प्रमुख योजनाओं के बजटीय प्रावधान को दर्शाती है |
- समेकित बाल विकास सेवाएँ : वित्तीय वर्ष 2017-18 में आई.सी.डी.एस. पर आवंटित बजट राशि ₹ 1298.34 करोड़ रुपये थी जो की संशोधित बजट में बढ़कर ₹ 1332.24 करोड़ रुपये हो गई | इससे पता चलता है की सरकार बजट राशि बढ़ी है लेकिन यह अभी काफी नहीं है | वर्ष 2017-18 की अनुमानित बजट राशि से 2018-19 की अनुमानित बजट राशि की तुलना में लगभग 31.04 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई |
- मध्यान्ह भोजन योजना : एम.डी.एम. में वर्ष 2017-18 की अनुमानित बजट राशि से 2018-19 की अनुमानित बजट राशि की तुलना में लगभग ₹ 102 करोड़ रुपये बढ़ोतरी हो गई है |
वर्तमान में राजस्थान सरकार कूल बजट राशि का मात्र 1 प्रतिशत के आस-पास पोषण पर खर्च करती है, यह राज्य की पोषण सम्बन्धी जरूरतों को देखते हुए बहुत कम है | पोषण से जूडी योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक तरीके से किया जाए तथा उनके बजट में बढ़ोतरी हो यह ज़रूरी है | पिछले वर्षों की तुलना में पोषण के लिए आवंटित बजट में सामान्य बढ़ोतरी आई है जिसका सीधा असर स्वास्थ्य से जुड़े सूचकों पर पड़ सकता है |
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सूत्र: राष्ट्रीय पोषण रणनीति मसौदा- नीति आयोग, भारत सरकार,
दैनिक भास्कर, जयपुर , राजस्थान
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 प्रतिवेदन
आर्थिक समीक्षा प्रतिवेदन 2016-17 प्रतिवेदन, राजस्थान सरकार
राज्य बजट पुस्तिका, राजस्थान सरकार