महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा
3 March 2021
कोरोना महामारी ने हर किसी के जीवन को प्रभावित किया है, हालांकि मानव जीवन ने आशावादी रुख अपनाते हुए इस संकट की घड़ी में भी अवसरों की तलाश करने की कोशिश को जारी रखा है |
लगभग एक साल से बच्चों के स्कूल बंद पड़े हैं और ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है | ऑनलाइन शिक्षा के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्ट फ़ोन की उपलब्धता ज़रूरी है |
‘इनसाइड डिस्ट्रिक्स’ सीरीज़ के तहत कुछ शिक्षकों से बात करने पर पता चला कि वे भी चाहते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा के सिस्टम को मजबूत करने पर काम किया जाए क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में इन्टरनेट तथा अन्य ज़रूरी संसाधनों की अभी भी काफी कमी है | सोलन, हिमाचल प्रदेश के एक शिक्षक का कहना है कि उनके स्कूल में एक भी कंप्यूटर नहीं है तथा सारा काम मैन्युअली हाथ से ही होता है, और इसीलिए वे बच्चों को भी कंप्यूटर पर काम करना नहीं सिखा सके | सांगानेर, राजस्थान के एक शिक्षक ने बताया कि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद सभी अभिभावक काम पर जाने लगे हैं और उनके फ़ोन से भी अब बच्चों से बात नहीं हो पाती है |
बच्चों के लिए नॉर्मल कक्षाओं की जगह ले रही ऑनलाईन कक्षाओं पर एन. सी. ई. आर. टी ने एक बड़ा सर्वे कराया जिसमें 34,000 स्कूल प्रिंसिपल, टीचर, छात्र, और अभिभावकों ने भाग लिया | सर्वे के अनुसार ऑनलाइन कक्षा के लिए कम से कम 27 प्रतिशत छात्रों की स्मार्टफोन या लैपटॉप तक पहुंच ही नहीं है जबकि 28 प्रतिशत छात्र और अभिभावक बिजली की समस्या को एक प्रमुख रूकावट मानते हैं | यह सोचने वाली बात है कि ऑनलाइन शिक्षा में इस तरह की मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सभी बच्चों को एक समान शिक्षा हम कैसे दिला पाएंगे |
हमें ऐसी योजनाओं की ज़रुरत है जो बच्चों तक शिक्षा के सभी जरुरी संसाधन मुहैया करा पाए | सभी बच्चों तक एक समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था की ज़रुरत है ताकि शिक्षा में आने वाली बाधाओं को संबोधित करते हुए उन पर समयानुसार उचित कदम उठाया जा सके |
नई शिक्षा नीति 2020 में सरकार द्वारा विश्वास जताया जा रहा है कि आने वाले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे | उम्मीद करते हैं कि शिक्षा को नई उंचाईयों पर ले जाने के लिए सभी जरुरी मूलभूत संसाधनों की पहुँच को सुनिश्चित किया जाएगा |