Accountability Initiative द्वारा आयोजित राजस्थान की शिक्षा प्रणाली पर कार्यक्रम
28 October 2019
Accountability Initiative (AI), Centre for Policy Research ने राजस्थान की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली एवं समग्र शिक्षा पर विचार विमर्श के लिए जयपुर में 23 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित किया | यह कार्यक्रम शोधकर्ताओं और गैर सरकारी संगठन स्टाफ के लिए था | कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से राज्य में 2014 से हो रहे स्कूल एकीकरण पर चर्चा हुई |
मृदुस्मिता बोरदोलोई, जो की AI में सीनियर रीसर्चर हैं, उन्होंने हाल ही में हुए अध्ययन का विश्लेषण प्रस्तुत किया | मृदुस्मिता और ऋत्विक शुक्ल (रीसर्च एसोसिएट) ने 2014-15 में राजस्थान सरकार द्वारा स्कूल एकीकरण नीति में इस अध्ययन पर आधारित वर्किंग पेपर का सह लेखन किया है | राजस्थान भारत में बड़े स्तर पर स्कूलों को एकीकृत करने वाला राज्य है | राजस्थान शिक्षा निदेशालय के अनुसार, 2014-15 से 2018-19 तक लगभग 22,000 स्कूलों का एकीकरण किया गया, हालाँकि इन स्कूलों में से लगभग 2,500 के लिए एकीकरण उलट दिया गया | 2018- 19 तक कुल एकीकरण हुए विद्यालयों की संख्या 19,500 थी |
प्रस्तुति में बताया गया:
- राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों की तुलना में एकीकृत स्कूलों में नामांकन में अधिक गिरावट देखी गई| नामांकन में गिरावट विकलांगता वाले छात्रों के लिए सबसे अधिक प्रतीत होती है, इसके बाद अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्र हैं |
- एकीकरण के बाद, प्रति विद्यालय शिक्षकों की औसत संख्या में वृद्धि हुई है। दोनों वर्षों में सभी एकीकृत स्कूलों में दो से अधिक शिक्षक थे | प्रति ग्रेड शिक्षकों (TGR) की संख्या में कुछ सुधार हुआ है | TGR में सुधार उन प्राथमिक विद्यालयों के लिए अधिक दिखाई दिया जो 2014-15 और 2016-17 में माध्यमिक विद्यालयों के साथ एकीकृत हुए |
- सभी परिणाम सरल रूप में यहाँ समझे जा सकते हैं |
आगे बढ़ते हुए कार्यक्रम में 3 विशेषज्ञों ने टिप्पणी और सुझाव दिए | डॉ. सुभाष कौशिक (सहायक निदेशक, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, समग्र शिक्षा) ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि सरकार के आंकड़े और अध्ययन के परिणाम मिलते जुलते हैं | व्यक्तिगत रूप में उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की ख़राब परिस्थिति का एक कारण यह भी है कि सरकारी अधिकारी एवं नीति निर्माता अपने बच्चों को इन स्कूलों में नहीं भेजते, जिसकी वजह से स्कूल प्रबंधन समितियों (SMCs) की योजनाओं पर कोई गंभीरता से ध्यान नहीं देता | अध्ययन में निकले एक ज़रूरी मुद्दे पर उन्होंने गौर किया | भले ही सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, और शिक्षक प्रशिक्षण को मिलाकर समग्र शिक्षा बन चुका हो मगर इनके विभाग अभी भी अलग-अलग काम करते हैं, तालमेल कम है |
श्री राजेंद्र भाणावत (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.) ने विचार उत्तेजक बात की – शिक्षा जिनके लिए है, उन्ही को प्राप्त नहीं हो रही है | शिक्षा और स्कूलों को बच्चों पर केंद्रित होना चाहिए, न की केवल प्रबंधन पर | एकीकरण निति में बच्चों, माता -पिता या समुदाय पर ध्यान नहीं दिया गया है | एकीकरण प्रयास विभाग द्वारा और विभाग के लिए किया गया | जब स्कूल की शिफ्ट होने की बात आती है, तो जो मुख्य लाभार्थी हैं, उनको ही सबसे ज़्यादा परेशानी आती है | कल्याणकारी राज्य का विचार यह है कि भले ही एक गांव में एक बच्चा हो, वहां स्कूल अवश्य होना चाहिए | निजी स्कूल इस स्थिति में संचालित नहीं होना चाहेंगे |
प्रोफ़ेसर के.बी. कोठारी (40 साल से ज़्यादा शिक्षा में अनुभवी) ने कहा की सरकार को मूलभूत शिक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है | उनका मानना है कि स्कूल के नेतृत्व और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं | यह शोध हमें और अधिक सोचने के लिए प्रेरित करता है |
इसके बाद कुछ प्रतिभागियों ने सवाल पूछे और स्कूल एकीकरण के आसपास के बड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया |