
विद्यालय विकास योजना प्रक्रिया को पुख्ता करने की एक पहल
28 March 2018
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम (2009) के अनुसार प्रत्ये़क विधालय की विधालय शिक्षा समीति (School Management Committee) द्वारा हर वर्ष विधालय विकास योजना का निर्माण किया जाना है | शिक्षा के संवैधानिक लक्ष्य की संप्राप्ति हेतु यह आवश्यक है कि शैक्षिक योजनाओं का निर्माण विधालय स्तर पर ही किया जाए| लेकिन यह अहम् दस्तावेज़ अक्सर ठीक से जारी नहीं हो पाता | स्कूल विकास योजनाओं का उद्देश्य स्कूल के स्तर पर तय किया जाता है, और फिर पूरे जिलों और राज्यों में एकत्र किया जाता है। हालांकि, यह प्रक्रिया वास्तव में कमज़ोर है |
Accountability Initiative ने बिहार के भागलपुर में Nidan संस्था के जिला और प्रखंड स्तर पर काम करने वाले कर्मियों के साथ विद्यालय विकास योजना के ऊपर एक दिवसीय उन्मुखीकरण किया | इसमें विद्यालय विकास योजना की ज़रुरत और उसको बनाने के अन्य अहम् पहलुओं पर चर्चा की गयी |
एतदर्थ विधालय स्तर पर वितीय एवं गैर वितीय रणनीतियों का निर्माण किया जाना अपेक्षित है | इसलिए विद्यालय में आने वाले सभी प्रकार के राशि और अनुदान पर परविस्तृत चर्चा हुई | यह भी अपेक्षा है कि विधालय शिक्षा समीति अपने विधालय विकास योजना निर्माण के अंतर्गत संसाधनों की उपलब्धता हेतु सरकार के साथ-साथ समुदाय का भी साथ ले |
योजना निर्माण में समुदाय,बच्चे तथा शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित कि जाये तो वे अपनी चुनौतियों, समस्याओं, आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनके निदान हेतु बेहतर उपाय कर सकेंगे | समुदाय का सहयोग विभिन्न संसाधानों की यथा, मानव श्रम, भूमि, राशि, सामग्री आदि किसी भी रूप में हो सकता है | समुदाय के प्रबुद्ध व्यक्ति शिक्षा प्रेमी पठन–पाठन कार्यों, विधालय प्रबंधन, मध्याहन भोजन संचालन आदि में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है |
विद्यालय विकास योजना प्रपत्र के ऊपर भी जानकारी दी गयी | यह 12 पन्नो का एक फॉर्मेट है जो जिले के सभी विद्यालयों में भरा जाना है |
सभी प्रतिभागियों ने विद्यालय विकास योजना की बारीकी समझी | प्रतिभागि अपने काम के ज़रिये इस ज्ञान को अब विद्यालयों में आगे ले जा पाएंगे |