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सावधानी के साथ की लोगों की मदद

Rakesh Swami

2 December 2020

कोरोना के इस मुश्किल समय में पंचायत की जिम्मेदारियाँ काफी बढ़ गई हैं | बहुत से विभागों और लोगों ने चुनौतियों को अवसर में बदला है और आम जनता तक राहत पहुंचाने के लिए अपनी जिम्मदारियों से कहीं बढ़कर काम किया है | ‘बढ़ते कदम’ सीरीज के तहत हम कुछ ऐसी ही कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं | यह कहानी है ग्राम पंचायत – आगर, जिला बारां, राजस्थान के पंचायत सहायक, नरोतम भार्गव, जी की |

इनका कहना है कि हम जितना लोगों के सीधे संपर्क में हों हमारी जिम्मेदारी भी इस महामारी के समय उतनी ही अधिक बढ़ जाती है |

भार्गव जी की ड्यूटी शुरुआत में ग्राम पंचायत के कंट्रोलरूम में थी जहाँ उनके पास हर रोज़ दस से बीस कॉल आते और लोग बोलते कि उनके पास खाना नहीं है, उनके बच्चे भूखे हैं | आदिवासी इलाका होने के कारण इस पंचायत में आय के स्त्रोत भी ना के बराबर हैं |

गरीब और असहाय लोगों की मदद करने हेतु भार्गव जी अपनी टीम के साथ खाद्य् सामग्री वितरण करने के लिए निकल तो पड़े, पर हर रोज़ उन्हें बस यही डर रहता की यदि उनमे से कोई एक भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया तो पूरी ग्राम पंचायत खतरे में पड़ जायेगी |

अपनी टीम के साथ उन्होंने इस परीक्षा की घड़ी में भी सभी सावधानियां बरतते हुए घर-घर राशन पहुंचाया, लोगों का उचित मार्गदर्शन किया और सभी को बचाव की जानकारी भी दी | भार्गव जी ने होम आईसोलेट हुए लोगों के घर जाकर यह सुनिश्चित किया कि वे सभी नियमों का पालन करें और अपने परिवार सहित अन्य लोगों से भी दूरी बनाकर रखें |

अनलॉक के बाद सबसे बड़ी समस्या रोज़गार की आयी तो भार्गव जी ने अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों को मनरेगा के अंतर्गत प्रपत्र भरकर काम की मांग करने के लिए जागरूक किया एवं कई ग्रामवासियों को तो प्रपत्र भरकर भी दिया |

काफी लोगों को अब काम मिल गया है | इन सभी कार्यो के लिए भार्गव जी को ब्लॉक स्तर पर प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया गया |

और पढ़ें: हमारी Inside Districts श्रृंखला में आप ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों की कहानियाँ पढ़ सकते हैं |

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