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महाराष्ट्र की एक पंचायत के कोविड-19 रोकथाम पर प्रयास

Anil Babar

23 June 2021

महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण इलाकों में संक्रमण काफी बढ़ गया था | इस मुश्किल समय में पंचायत की ज़िम्मेदारियाँ काफी बढ़ गयीं | बहुत से विभागों और लोगों ने चुनौतियों को अवसर में बदला और आम जनता तक राहत पहुंचाने के लिए अपनी ज़िम्मेदारियों से कहीं बढ़कर काम किया | ‘बढ़ते कदम’ सीरीज़ के तहत हम कुछ ऐसी ही कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं | यह कहानी सोलापुर जिले के घाटने गांव की है जिसने खुद को कोरोना मुक्त बनाने की पहल की |

घाटने गांव में मार्च तक एक भी मरीज़ नहीं थे, अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में पहला मरीज़ मिला और इसके बाद मरीज़ों की संख्या बढ़ती चली गई | इसी दौरान गाँव के एक ही परिवार के दो सदस्यों की कोरोना से मौत हो जाने के कारण लोग घबरा गए |

गाँव के सरपंच ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पंचायत सेक्रेटरी,आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, शिक्षक की एक टीम बनाकर ‘बी पॉज़िटिव,अपना गांव रखें कोरोना नेगेटिव’ अभियान चलाया | यह टीम घर-घर जाकर परिवारों की जानकारी लेने लगी |

गांव में कोरोना जांच के दो कैंप लगवाकर मरीजों को ट्रेस किया गया और जो पॉज़िटिव थे उनको कोविड सेंटर भेजा गया | साथ ही जो लोग काम के कारण गांव से बाहर जाते थे उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया गया | लोगों से नियमों का सख़्ती से पालन करवाने के लिए पुलिस विभाग की मदद भी ली गयी | गाँव के सरपंच ने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनके सहयोग से वे गांव को फिर से खुशहाल बना पाएंगे |

पंचायत ने गाँव में पंचसूत्रीय अभियान चलाया जिसके अंतर्गत – १) मरीज़ों से संपर्क में रहना, २) कोरोना जांच करवाना, ३) उचित उपचार देना, ४) लोगों से नियमों का पालन करवाना तथा, ५) टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करना जैसे कार्यों पर ध्यान दिया गया |

‘मेरा परिवार, मेरी ज़िम्मेदारी’ नामक सरकारी मुहिम को भी गाँव में चलाया गया और लोगों की आयु, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, दमा व अन्य बीमारियों का रिकॉर्ड तैयार किया गया | शरीर के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की भी नोट किया गया | प्रत्येक परिवार को ‘कोरोना सुरक्षा किट’ दिया गया जिसमे कुछ दवाओं के साथ-साथ मास्क, सेनिटैजर, डेटोल साबुन जैसी चीज़ें भी उपलब्ध कराई गयीं  |

इन सभी प्रयासों से गाँव कोरोना मुक्त हो गया लेकिन गाँव के पंचायत सेक्रेटरी का कहना है कि “लड़ाई अभी पूरी नहीं हुई है, गांव के सभी लोगों को जल्द से जल्द टीके लगावाने हैं” | पंचायत सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि:-

 

“अभी गाँव ने सिर्फ पहली लड़ाई जीती है, लेकिन क्योंकि देश में कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना बताई जा रही है तो हमें तैयारी जारी रखनी है | इस लहर में बच्चों के ऊपर ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा ऐसा कहा जा रहा है | इस स्थिति को रोकने के लिए हम योजना बना रहे हैं | हमारी टीम घर- घर जाकर 18 साल तक के बच्चों की पूरी जानकारी एकत्रित करने का काम करेगी | बच्चों को पहले से अगर कोई बीमारी है या वे कुपोषित हैं तो यह भी नोट किया जाएगा | गांव में डॉक्टर को बुलाकर बच्चों की इम्युनिटी कैसे बढ़ा सकते है यह जानकारी माता-पिता को दी जाएगी’ |

घाटने गांव की कहानी को मीडिया ने कवर किया | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी गाँव के प्रयासों और सूझबूझ की प्रशंसा की है |

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